सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
वाहट्सएप पर अल सुबह
दुआ सलाम होता है,
कभी और कुछ हाल चाल
भी नहीं होता है।
कैसी अपसंस्कृति की
हवा है देखो,
जब मिलते है तो सब कुछ
ख़राब होता है।
बड़ों का छोटों को
आशीर्वाद नहीं सलाम होता है,
रिश्तों की महक फेसबुक पर
लाइक बन गई I
कहते है वक्त नहीं मिलने का
सोशल मीडिया फिर भी
एक चौथाई ले गई I
जुड़ते-जुड़ते दुनिया
बाजारू बन गई,
रिश्ते जीने का साधन नहीं,
जोर आजमाइश बन गए।।