Dɪɴᴇꜱʜ Dɪᴠᴀᴋᴀʀ

Horror Thriller

4.5  

Dɪɴᴇꜱʜ Dɪᴠᴀᴋᴀʀ

Horror Thriller

कातिल हसीना (भाग-1)

कातिल हसीना (भाग-1)

4 mins
393


"हां मेरी प्यारी मम्मी आ रहा हूं यार आप इतना जोर देकर बार-बार क्यों बोल रहे हो" मनोज ने अपनी मम्मी से कहा।

"बार-बार इसलिए बोलना पड़ रहा है क्योंकि तुम पिछले 2 साल से घर नहीं आए हो, बस आऊंगा आऊंगा बोल रहे हो" मम्मी भावुक होते हुए बोली "घर में इतना बड़ा पूजा और फंक्शन हो रहा है इसमें तुम नहीं आओगे तो कैसे चलेगा।"

"ओफ्फो मम्मी आप भी ना, ठीक है इस बार सच में आ रहा हूं वो भी पूरे 1 सप्ताह के लिए तब आप सबके साथ रहूंगा, अब खुश हो आप" मनोज बोला।"

"हां जब तुम आओगे तब मैं खुश होंगी" मम्मी ने यह कहकर कॉल को कट कर दी।

"ओफ्फो मम्मी भी ना, इतना सारा काम होता है ऑफिस में कि छुट्टी ही नहीं मिलती तो घर कैसे जाऊं, खैर अब मम्मी ने बोला है तो जाना तो पड़ेगा ही कैसे भी करके इस बार" मनोज नाश्ता बनाते हुए खुद से ही बातें कर रहा था। वह एक प्राइवेट ऑफिस में जॉब करता है जहां उसका बॉस बहुत स्ट्रिक्ट है इसलिए बहुत कमी छुट्टी मनोज को मिल पाता है लेकिन मनोज को कैसे भी करके इस बार घर जाना ही था तो उसने जल्दी से नाश्ता बना कर तैयार किया और थोड़ा सा खाकर ऑफिस की ओर चल पड़ा।

"अरे यार कल ही फंक्शन है मुझे बॉस से आज ही छुट्टी मांगना होगा कैसे भी करके, आज ही बैकपैक भी करना है चलो अभी तो आफिस जाता हूं जल्दी से फिर आकर सारा काम खत्म करूंगा। मनोज तेजी से पैदल बस की ओर निकल पड़ा।

मनोज जल्दी से ऑफिस चला जाता है वहां जाकर देखता है तो बाॅस आज काफी खुश लग रहे थे। मनोज यह देखकर खुश हो गया बोला "अरे वाह, बाॅस तो काफी खुश लग रहे हैं चलो अभी उनसे छुट्टी के लिए बोलता हूं" यह सोचकर वह बाॅस के केबिन के बाहर से "मैं आई कम इन सर" कहकर अंदर गया। बाॅस ने उसे बैठने के लिए बोला।

मनोज सामने रखी कुर्सी पर बैठ गया और बोला "सर कल मेरे घर में एक बड़ा फंक्शन है जिसमें मेरा होना बहुत जरूरी है वैसे भी मैं काफी समय से घर नहीं गया हूं तो क्या मुझे कुछ दिनों की छुट्टी मिल सकता है ?"

"हा मनोज घर में फंक्शन है तो तुम्हारा जाना बहुत जरूरी है, फैमली को भी उतना ही वक्त देना जरूरी होता है जितना काम को देते हैं नहीं तो ऐसा हो जाता है कि परिवार ही अलग हो जाता है" बाॅस काफी उदास हो ग‌ए।

उन्हें ऐसा देख मनोज बोला "क्या हुआ सर कोई प्राब्लम है क्या, आप मेरे साथ शेयर कर सकते हैं "

मैं सारी जिंदगी बस अपने काम के पिछे भागता रहा कभी भी अपने पति और बच्चों को समय नहीं दिया कभी उनके साथ वक्त नहीं बिताया, मुझे लगता था कि मैं उन्हें बेशूमार दौलत दे रहा हूं ऐसो आराम दें रहा हूं तो उन्हें इनके अलावा और क्या चाहिए लेकिन.... लेकिन सच तो ये है कि परिवार को हमारा साथ चाहिए, वे चाहते है कि हम उनके साथ वक्त बिताए.... पर मुझे यह तब समझ आया जब वो लोग मुझे छोड़कर चले गए... अब ये सारी दौलत का क्या फायदा जब मेरा परिवार साथ नहीं है। 

"सब ठीक हो जाएगा बाॅस आप ऐसे उदास मत हो, एक बार उन्हें समझाइए कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं और आप पहले से बिल्कुल बदल ग‌ए है तो मुझे पुरा यकीन है कि आपका परिवार वापस आपके पास होगा" मनोज ने बाॅस को दिलासा दिलाते हुए बोला।

"हम्म कोशिश करूंगा आज उनकी पुरानी यादें सोचकर मन प्रसन्न हो गया था खैर तुम ऐसा करो आज अपना काम खत्म कर लो फिर कल चले जाना वैसे भी अभी ऑफिस में ज्यादा काम नहीं है" बाॅस बोले।

तो हैलो नमस्कार आदाब सलाम और सत श्री अकाल मित्रों आज मैं आप सभी के लिए लेकर आया हूं एक प्रेम कम सस्पेंस ज्यादा वाली कहानी जो काफी हटकर होने वाली है वैसे तो यह पुरी कहानी सिर्फ एक भाग में ही प्रकाशित होने वाला था पर एक प्रतियोगिता के चलते इसे दस भागों में प्रकाशित किया जा रहा है इसलिए असुविधा के लिए बिल्कुल भी खेद नहीं है। मजाक कर रहा था तो पढ़िए इस कहानी को और बताइए कैसी लगी आपको यह प्यारी सी कातिल हसीना।


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