नक्षत्र : भाग 3
नक्षत्र : भाग 3
जिस लड़की को तनिष्का ने उस श्रण में देखा उस तक पहुंचा कैसे जाये?? आखिर सुबह तक उसे इस समस्या का हल मिल जाता है। साथ में वो यह भी जानती थी कि निषिका चुप नहीं बैठेगी। बस, देखना यह है की वो क्या करेगी।
सुबह होती है, रोज की तरह स्कूल में जाने के लिए वो लड़की निकलती है। तनिष्का उसे उसके घर के बाजू के घर के टेरेस से देखती। वो अपने सोचे मुताबिक काम शुरू कर देती है।
स्कूल में वो अपने दोस्त के साथ पहुंचती है। क्लास शुरू होती है, तनिष्का नये स्टूडेंट के रूप में उस लड़की और दुनिया के सामने आती है। उसे अब ऐसा लग रहा था कि निषिका बारे में जितना सूना है वो कुछ ज्यादा है, लगता है ऐसा कुछ देखने नही मिलने वाला। तभी पीछे आवाज आती है, " मेरे बारे में तो नही सोच रही थी ना।" तनिष्का पीछे मुड़कर देखती है तो उसे अपनी पीछली बेंच पर निषिका बैठी मिलती है। वो अपना हाथ आगे बढाते हुए 'हेलो, मैं निषा' कहते हुए अपने आप को इंट्रोड्यूश करती है।
तनिष्का भी आश्चर्यचकित हो जाती है। यह सोचते हुए की आखीर यह यहाँ पहुंची कैसे और मेरी नजर कैसे नही गई।