पानी बचाओ
पानी बचाओ
मयंक घर पहुँचा तो बड़ा ही अनमना सा लग रहा था । बैग रख सीधा बाथरूम में दौड़ा । "माँ- माँ", उसकी आवाज सुनकर माँ दौड़ी आई । "क्या हुआ?" "माँ देखो हमारा नल लीक कर रहा है ,और कई दिनों से कर रहा है ।आपको पता नहीं माँ , हम कितना पानी वेस्ट कर चुके हैं। पता तब चलेगा जब पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा।" माँ मयंक के रूआँसे चेहरे को देखे जा रही थी । "
आपको पता नहीं है संसार में बहुत सी जगहें ऐसी हैं जहाँ पीने के लिए पानी भी नहीं है । गंदे कीचड़ में से निकला हुआ पानी वो बिचारे पीकर प्यास बुझा रहे हैं और कुछ तो पानी न मिलने की वजह से मरते जा रहे हैं।" मयंक बिना रूके बोलता ही जा रहा था। माँ हैरान -परेशान सी मयंक की ओर देख रही थी। वह बोलता जा रहा था रोता जा रहा था। पानी तो हमारे नल में कई दिन से लीक हो रहा था और आलस में ठीक नहीं करवाया था।
आज तो मयंक की हालत देखने के बाद सच में समझ आया कि जरूर कुछ ऐसा हुआ है जो यह बच्चा कह नहीं पा रहा है। बहुत प्यार करने पर जब मयंक से पूछा तो उसने बताया कि मैम ने आज हमें उत्तरी अफ्रीका के किसी शहर का एक चित्र दिखाया, उसमें बच्चा कीचड़ वाला पानी पी रहा था । वह अपनी प्यास बुझा रहा था माँ, वह कैसे पी रहा था इतना गंदा पानी? क्या हमारे देश की भी ऐसी हालत हो जाएगी ? क्या हमारे देश से भी पानी चला जाएगा ? प्रश्न पर प्रश्न किए जा रहा था और माँ के सामने कोई जवाब नहीं था। बड़े प्यार से फिर माँ ने उसे समझाया," नहीं बेटा! ऐसा नहीं होगा । जब तुम जैसे समझदार बच्चे इस देश का भविष्य बनेंगे तो कभी भी किसी घर से पानी की एक बूंद भी खराब ना होगी ।"
तुमने अपनी मैम से पूछा था? "हाँ ! मैम के समझाने पर ही मुझे इस बात का ध्यान आया था ।हम सब बच्चों ने मैम से प्रोमिस किया है कि अब हम कभी भी पानी वेस्ट नहीं करेंगे और नहीं दूसरों को करने देंगे।"..... "मैम जब समझा रही थी तो एक बात और समझ आई कि शावर की बजाय अगर बाल्टी से नहाया जाए तो बहुत पानी बच सकता है ।" माँ बड़े ध्यान से बेटे की बाते सुन रही थी ,एक ही दिन में उन्हें अपना बेटा बड़ा समझदार लगने लगा था । मयंक का माथा चूमकर माँ बोली , " मैं अभी फोन करके पलम्बर को बुलाती हूँ, आज के बाद कभी भी और कहीं भी तुम्हें ऐसा नहीं लगेगा कि पानी वेस्ट हो रहा है । पानी की एक- एक बूँद हम बचाएँगे। देश को खुशहाल बनाएँगे। मयंक का चेहरा एकदम से खिल गया। मयंक खुश हो गया। " माँ क्या उस बच्चे को भी पानी मिल जाएगा ?" माँ के पास कोई जवाब तो नहीं था पर मयंक को हिम्मत देने के लिए उन्होंने कहा," हाँ बेटा , उसको भी मिल जाएगा। जब हम सब पानी बचाएँगे तो जमीन के नीचे अपने आप पानी का लेवल बढ़ जाएगा और तब सारे संसार में पानी की कमी दूर हो जाएगी। बस सबको पानी बचाने की आवश्यकता है ।"
"माँ एक बात और, "मयंक फिर बोला ,"कल सुबह पापा को शेव बनाते समय चैक करना है कि वे नल खुला रखते हैं या साथ साथ बंद भी करते हैं। "माँ ने हँसकर पूछा , " तो यह भी तुम्हारी मैम ने बताया?" मयंक ने हाँ में सिर हिलाया । माँ ने कहा ,,"गुड आइडिया ,कल सुबह तुम्हारे पापा की क्लास लगेगी। माँ खुश थी कि भोला मयंक खुश हो कर के चला गया था, लेकिन उस दिन से उन्होंने संकल्प लिया एक बूँद पानी भी वेस्ट नहीं जाने देंगी।