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Dinesh Divakar Bunny

Horror Thriller

4  

Dinesh Divakar Bunny

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ब्रह्मास्त्र - एक रहस्य अंतिम

ब्रह्मास्त्र - एक रहस्य अंतिम

5 mins
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अब तक आपने पढ़ा रोहित ब्रह्मास्त्र कवच को पा कर अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए राजमहल जाता है लेकिन उसके पहुंचने के पहले ही वह आत्मा अमृता को ले ग‌ई रहती है अब आगे...!!

रोहित बाईक से उतर कर उनके पास जाता है तब जयप्रकाश रोते हुए बोलता हैं "मेरी बेटी को बचा लो ब्रह्मास्त्र उस श्राप से जो हमारी पीढ़ी भुगतती आ रही है उसे खत्म कर दो...!! उस आत्मा से मेरी बेटी को बचाओ"

रोहित "आप शांत हो जाईए मैं आ गया हू मै अमृता को कुछ नहीं होने दूंगा।"

तभी एक बुजुर्ग आदमी बोला "इतना आसान नहीं है लड़के वो आत्मा बहुत ही शातिर और खतरनाक है उससे लड पाना तुम्हारे बस की बात नहीं..!!"

रोहित "क्या ब्रह्मास्त्र के रहते भी...??"

"हा ब्रह्मास्त्र कवच का मुकाबला वह तब तक नहीं कर सकती जब तक तुम अंदर से हार न जाओ डर न जाओ उसके बाद अगर तुम डर ग‌ए तो वो तुम्हे मार डालेगी..!!"

रोहित "मैंने मन से भी हारने का डर निकाल दिया है आप कृपया उस रूह के बारे में बताईए..!!"

"तो सुनो उस रूह को खत्म करने के लिए उसके शरीर को जलाना होगा, लेकिन उसका शरीर उसी पुराने महल में दफन हैं जहां राजपरिवार पहले रहते थे ये वही मेनका है..!! उसके शरीर को तुम्हें नष्ट करना होगा वो भी दो घंटे के अंदर! पूर्णीमा की चांद जैसे ही निकलेगा वो अमृता की बली दे देगी और इस श्राप को हमेशा हमेशा के लिए जींदा कर देगी।"

जयप्रकाश रोते हुए "मेरी बेटी को बचा लो..!!"

रोहित "मैं पूरी कोशिश करूंगा।"

आधे घंटे के सफर के बाद वह उस राजमहल में प्रवेश हुआ दिखने में वह राजमहल भयानक और डरावना लग रहा था जगह जगह से चमगादड़ उड़ रहे थे साथ ही साथ सीलन भरी बदबू माहौल को और डरावना बना रहे थे रोहित धीरे धीरे अंदर प्रवेश कर रहा था तभी एक कमरे से कुछ आवाजें आने लगी..!!

वहा जाकर देखा तो राजसिंहासन में एक डायन जो बहुत ही खतरनाक और बदसूरत दिख रही थी बैठी थी वह मेनका थी, और उसके आसपास हजारों आत्माएं खड़ी थी और उनके बीच एक लड़की जो डर के मारे बेहोश हो चुकी थी रोहित उसे देखता रह गया, तभी उसे ध्यान आया और वह अपने काम में लग गया...!!

महल में बहुत सारे कमरे थे रोहित चुपके चुपके सभी कमरों में तलासने लगा एक घंटे के मेहनत के बाद आखिरकार सफलता मिली। एक पुराने ताबुत से बहुत बदबू आ रहा था उसे खोल कर देखा तो उसमें एक पुरी तरह से सड चुकी लाश थी वह मेनका का शरीर था। रोहित उस पर साथ में लाए पेट्रोल छिड़कने लगा और लाइटर नीकालने ही वाला था कि वहां मेनका आ गई उसके साथ अमृता भी थी।

मेनका गुर्राते हुए "रूक जाओ ब्रह्मास्त्र वरना मैं इस लड़की को मार डालूंगी...!!"

रोहित "नहीं अमृता को कुछ मत करना.. लो मै रूक गया..!!"

अब तक वहां सभी आत्माएं आ चुकी थी तब मेनका बोली "मैंने तुम्हें मारने की बहुत कोशिश की लेकिन तुम्हारे पापा की वजह से तुम बच गए लेकिन आज नहीं! अगर इस लड़की की जान चाहते हो तो उस दिव्य कवच को निकाल कर फेंक दो..!"

रोहित उस कवच को निकाल कर फेंक देता है "लो फेंक दिया कवच अब अमृता को छोड़ दो..!!"

सभी आत्माएं हंसने लगी "छोड़ देंगे छोड़ देंगे लेकिन पहले तुम्हारी तो खातिरदारी तो कर ले। सभी आत्माएं रोहित के शरीर में प्रवेश हो गई जिससे रोहित उन सभी के काली शक्तियों को सहन नहीं पाया और वही जमीन पर गिर पड़ा धीरे धीरे उसका शरीर गलने लगा और उधर मेनका और सभी आत्माएं हंसने लगी। तभी चांद भी निकल आया मेनका तलवार लेकर अमृता को मारने के लिए आगे बढ़ी।

ऐसा लग रहा था जैसे अब सच्चाई हार जाएगा कहीं से भी कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रहा था तभी..

क‌ई प्रकाश पुंज प्रगट होकर रोहित के पास आए वे उसके पूर्वज थे जो उसकी मदद करने आए थे, वे लोग एक मंत्र पढ़कर उस दिव्य कवच में समाहित हो ग‌ए और वह कवच रोहित के शरीर में।

रोहित के शरीर में कवच पडते ही एक दिव्य प्रकाश पुंज उत्पन्न हुआ जिससे रोहित के शरीर में प्रवेश सभी आत्माओ का नाश हो गया और रोहित का शरीर एक दम ठीक हो गया। मेनका उसे देखकर अमृता को मारने के लिए दौड़ी तभी रोहित मेनका को रोकने लगा काफी देर तक युद्ध बराबर चलता रहा लेकिन रोहित धीरे धीरे थकने लगा, तभी अमृता को होश आने लगा उसे देखकर रोहित बोला "अमृता उठो मेरी बात सुनो..!!"

अमृता बदहवास सी उठी, रोहित उसके ओर लाइटर फेंक कर बोला "जाओ उस ताबुत में रखे लाश को जला दो जाओ... अमृता आगे बढ़ी इधर मेनका रोहित पर भारी पड़ रही थी तभी मेनका अपने सारे काली शक्तियों को एक साथ रोहित पर वार किया जिससे रोहित कांप उठा तभी मेनका रोहित पर तलवार से वार किया।

लेकिन अचानक से वो रूक गई वो चिल्लाने लगी... न‌ही मत करो ऐसा... बचाओ वह जमीन पर गिर पड़ी और कुछ ही देर में वह राख हो गई और काला धुआं बनकर उड़ गई..!!

रोहित ने देखा तो अमृता ने उस लाश को जला दिया था वो दोनों जीत ग‌ए और दोनों वापस घर आए। राजपरिवार के सभी लोग उनका इंतजार कर रहे थे उन्हें देखकर वो झुम उठे 

तभी वह बुढ़ा बोला "आज तुमने साबित कर दिया कि तुम ही हो हमारे और ब्रह्मास्त्र के रक्षक।"

तो यह भाग आपको कैसा लगा उम्मीद है आपको पसंद आया होगा मुझे कमेंट करके जरूर बताइएगा तो चलिए पढ़ते हैं इस कहानी का अगला भाग और जानते हैं आगे क्या हुआ....


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