हां! जरूरी है
हां! जरूरी है
हां ! जरूरी है।
मुख की सुंदरता से अधिक व्यक्तित्व का
विनम्र और सशक्त होना जरूरी है,,
कुछ मर्यादाओं को संभालना और
बहुत को तोड़ना जरूरी है ,
आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को
खुद में भरना जरूरी है,
बेटों- बेटियों में सही-गलत का निर्णय लेने
एवं चिंतनशीलता के मापदंडों को समझाना ज़रूरी है,
झूठी आधुनिकता को झूठलाना जरूरी है,
सच के हूनर को अपनाना जरूरी है,
आज फिर नव पीढ़ी को अपनी संस्कृति को स्वीकारना सीखाना जरूरी है।
पूर्व को पूर्व और पश्चिम को पश्चिम
रहने देना जरूरी है।
नक़ल करने से अक्ल नहीं आतीं,,
अपनी मौलिकता को अपनाना जरूरी है।
अपने स्वदेश की संस्कृति और सभ्यता के
अस्तित्व को पहचाना ज़रूरी है,
उसे पहचान कर हृदय से
सम्मान करना जरूरी है,
हां! बहुत ज़रूरी है
आधुनिक सत्य के साथ
पौराणिक सत्य का गठबंधन जरूरी है।
मानवता परम धर्म यह मानना ज़रूरी है।
सत्यं शिवम् सुंदरम का अर्थ जानना ज़रूरी है।
सत्यमेव जयते स्मृति में स्मरण रखना ज़रूरी है।
हां! आज फिर जागना ज़रूरी है।