जय छठी मईया।
जय छठी मईया।
छठ महोत्सव की मची है धूम,
चहो दिशाएं देखो रही है झूम,
दीपों की ज्योति, ठकुए की मिठास,
नदियों के तीरों पर श्रृंगार हो रहे खास,
सूर्यास्त से सूर्योदय तक भक्तों की टोली,
प्रति पल प्रतीक्षा में खड़ी कर रही उपवास,
सूर्य की पवित्र किरणों से जग नहाया है,
अन्धकार को चीर आदित्य ने आशीष फैलाया है,
तीन दिनों का यह उत्सव जीवन को नई दिशा दे,
मन के विकारों को मिटा कर उन्नति की राह दे,
प्रातः की शीतल बेला में रथ रवि का आएगा,
प्रकाश की पवित्रता से जग निर्मल हो जाएगा,
छठ परमेश्वरी सभी की मनोकामना करें पूर्ण,
हठ योग की ये उपासना हो सभी की सम्पूर्ण,
जय छठी मईया