हॉस्टल लाइफ
हॉस्टल लाइफ
हॉस्टल की जिंदगी
सबको जीनी चाहिए
पूरी जिंदगी के लिए
यादें ले के जाईये।
सुबह की चाय ले आया
अब तो उठ जाईये
मेस वाला बोले कभी
साहब खाना खाइये।
छ का अलार्म बजा
क्लास में भी जाना है
ठण्ड बहुत पड रही है
आज नहीं नहाना है।
टॉयलेट में लाइन लगी
कोई न कोई खड़ा
नॉक करते कहते भाई
जल्दी आ प्रेशर पड़ा।
बाल्टी,मग्गा और साबुन
पहन के हम चप्पलें
टॉवल गले में डाल
बाथरूम में हम चले।
क्लास में पीछे की बेंच
समझ न कुछ आता है
अंग्रेजी में ये पढाई
ऊपर से निकल जाता है।
दो बजे जब छुट्टी हो गयी
हॉस्टल के हो गए
खाना पीना हो गया फिर
बेड पर हम सो गए।
केरम खेलो, टी टी खेलो
कोई नही था टोकता
बैडमिंटन आता था थोड़ा
क्रिकेट का भी शौक था।
कोई बच्चा छत पर बैठा
सकून से है पढ़ रहा
दूसरा किसी बात पर
दोस्त से ही लड़ रहा।
कभी कभी रात को
सिनेमा भी था जाना होता
जमती थीं जब महफिलें
कोई भी नहीं था सोता।
खट्टी मीठी यादें ये सब
दोस्तों के साथ थे
भूले ना भुलाएं वो पल
दिन तो वो कुछ खास थे।