Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr.Ankit Waghela

Drama Tragedy

4  

Dr.Ankit Waghela

Drama Tragedy

वो तो भूख इस कदर जगती हे!

वो तो भूख इस कदर जगती हे!

1 min
431


साब! वो तो भूख इस कदर जगती है ।

खाना फिर जनाजे से भी चुराने लगती है !

ये धर्म जात छूत अछूत .. बवंडर आप ही खेलो साब!

भूख है! इंसान देख कर ..सौदा नहीं करती है।


शुष्क चेहरे ये! बेबसी कहाँ नजर आती है?

अश्क सूख चुके..हँसी सिर्फ आप को आती है

बर्तन सूखे ना पड़े.. यही कशीदगी है साब!

ये हाथ धो कर खाने की बीमारी ..आप को होती है।


कोई गलीचछ..कोई गाली दे कर दे देता है

किसे है मंज़ूर! पर सुख सिर्फ हमें मिलता है

भूख तो हर चेहरे पे हैं ना साब!

"पापी पेट का सवाल है"..ये तो आप भी कहते है ।


शुक्र है खुदा...आप जैसी भूख नहीं हमें..

दो रोटी...चम्मच भर चावल इसमें ही थमे..

स्वाद और संतोष दोनों ही परिभाषा है साब!

हां! इस दौड़ में, हम किसी की दुनिया नहीं लूटते है!


साब! वो तो भूख इस कदर जगती है ।

खाना फिर जनाजे से भी चुराने लगती है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama