2 भैंसें मिल तो गई हैं, पर
2 भैंसें मिल तो गई हैं, पर
(इस क़िस्से में वर्णित भाषण की घटना का हकीकत से कोई लेना देना नहीं है। पर इस भाषण में यह कहा गया था। ये किस्सा बानगी है कि हरियाणा के लोग चटकारे वाले भाषण सुनना कितना पसन्द करते हैं।)
अभिनेताओं का तो नाम ही बदनाम है यारो। अगर सही मायने में देखा जाए तो अभिनय के मामले में अभिनेता, नेताओं के आगे कहीं नहीं ठहरते। अभिनेता तो परदे के ही हीरो हैं लेकिन नेता तो जनसभाओं में एक्टिंग का ऐसा समां बांध देते हैं कि पूछो ही मत।
मौजूदा किस्सा वर्ष 2013 का है । उस समय हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी जबकि बीजेपी के सिर्फ चार ही नेता अनिल विज, कविता जैन, घनश्याम सर्राफ और कृष्ण पाल गुर्जर विधानसभा में पहुंच पाए थे। बीजेपी के कद्दावर नेता रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र से राव दानसिंह से चुनाव हार गए थे। ये वो समय था जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में राव दान सिंह की खूब तूती बोलती थी।
रामबिलास शर्मा जब भी बोलते हैं बड़ा धाराप्रवाह बोलते हैं और लोगों को अपने साथ बहा ले जाते हैं। भाषणबाजी में वे बेमिसाल हैं।
रामबिलास शर्मा की महेंद्रगढ़ में एक जनसभा थी। रामबिलास शर्मा ने सभा में बोलना शुरू किया: भाइयो, इस सरकार में तो पूछो ही मत कि क्या-क्या हो रहा है ?ऐसी-ऐसी घटनाएं हो रही हैं कि मैं आपको सुनाऊं तो आप दंग रह जाओगे। मैं हाल ही में हुई एक घटना आपको बताता हूँ।
रामबिलास शर्मा ने घटना बतानी शुरू की- मेरे एक दोस्त की भैंसें चोरी हो गई। पीड़ित व्यक्ति की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में वह मेरे पास रोता हुआ आया और बोला नेताजी मेरी भैंसें किसी तरह मुझे दिलवा दो नहीं तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा। मुझे भी पता था कि भैंस किसान के लिए जीवन यापन का साधन होती है।अगर यह चोरी हो जाए तो उस पर दुखों का बहुत भारी पहाड़ टूट पड़ता है।
रामबिलास शर्मा ने जनसभा में आगे बताया क्योंकि इस समय हमारी सरकार सत्ता में नहीं है लेकिन कुछ अफसर तो ऐसे हैं जो हमारे खास हैं उनमें आजकल के डीजीपी भी हैं। जैसे ही उस किसान भाई ने मेरे पास आकर अपना दुखड़ा रोया तो मेरा दिल रो उठा। मैंने तुरंत डीजीपी साहब को फोन लगाया और कहा कि मेरे मित्र की कुछ भैंसें चोरी हो गई हैं और आप किसी तरह भी इन्हें बरामद करवाओ। डीजीपी साहब ने कहा ठीक है साहब आप डिटेल बता दो मैं बरामद करवा देता हूँ। मैंने डीजीपी को चोरी की डिटेल नोट करवा दी।
स्टेज से रामबिलास ने आगे कहा अगले ही दिन डीजीपी साहब का फोन मेरे पास आ गया। डीजीपी ने बताया कि सर हमने भैंसों को ढूंढने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। हमने इसके लिए स्निफर डॉग मंगवाया। वो डॉग चोरों का सुराग सूंघते-सूंघते-सूंघते एक फार्म हाउस के पास जा पहुंचा और वहां जाकर उसने अपने आगे वाली दोनों टांगे फार्म हाउस की दीवार पर टिका दीं और जोर-जोर से भौंकने लगा। डीजीपी ने मुझे बताया कि पुलिस ने दीवार के ऊपर से देखा तो पता चला कि चोरी की गई भैंसें उस फार्महाउस में बंधी हुई हैं।
रामबिलास शर्मा ने जनसभा में मौजूद लोगों को बताया: इसके बाद डीजीपी साहब ने मुझसे कहा कि साहब भैंसें तो मिल गई हैं लेकिन हम उन्हें लेकर नहीं आ सकते ! तो मैंने डीजीपी से पूछा कि आप चोरी की गई सम्पत्ति को बरामद क्यों नहीं कर सकते ?
रामबिलास शर्मा ने मंच से लोगों को आगे बताया : डीजीपी साहब का उत्तर था कि वह वे भैंसें तो कद्दावर नेता राव दान सिंह के फार्म हाउस पर बंधी हुई हैं!
रामबिलास शर्मा की यह चुटकी सुनकर लोग लोटपोट हो गए। सभी को पता था कि शर्मा जी गप्प मार रहे हैं, पर हरियाणा की जनता तो इसी तरह की राजनीतिक चुटकियां ही सुनने आती है।