कल्पना और एलियन।
कल्पना और एलियन।
एक रात राधिका अपने घर की छत पर तारों को देख रही थी।तभी उसे आसमान में एक चमकदार वस्तु विचरण करते हुए दिखीं। राधिका उसे देख ही रही थी कि वह चमकदार वस्तु उसके पास आई और उसने एक सुंदर लड़की का रूप ले लिया। राधिका आश्चर्यचकित होकर उसे देखती ही रह गई,इतने में वह लड़की राधिका के पास आकर उसके सामने खड़ी हो गई।
राधिका ने आश्चर्यचकित होकर पूछा- "कौन हो तुम?"
लड़की: "मै तुम्हारी तरह एक लड़की हूं।"
राधिका: "पर आप तो आसमान से एक चमचमाते हुए तारे के रूप में आकर अभी मेरे सामने लड़की का रूप ले लिया।"
लड़की: "हां ,तो क्या हुआ , मै तुम्हारे पृथ्वी की नहीं हूं ,मैं अंतरिक्ष के दूसरे ग्रह से आई हूं।
राधिका जैसे ही उसे छूने जाती है वह लड़की उसकी आंखों के सामने से ओझल हो जाती है राधिका उसे खोजते हुए गिर जाती है और जोर-जोर से कहने लगती है तुम कौन हो, तुम कौन हो।
थोड़ी देर में वर्षा होने लगती है और राधिका भी खड़ी हो जाती है उसका सपना टूट जाता है
उसकी मां उसके मुंह पर पानी के छिटे देते हुए कहती है " मैं तेरी मां हूं"आज फिर से कोई सपना देख लिया क्या?"
राधिका समझ जाती है यह कोई सपना है जो कल रात देर तक उसने फिल्म देखी थी वही उसे रात में सपने के रूप में "एलियन की कहानी" के रूप में उसके दिमाग में चल रही थी।
वह एक काल्पनिक सपना देख रही थी जिसे ना जाने हम कितने ही सालों से सुनते आ रहे हैं की एलियन होते हैं और संभव है की वह किसी दूसरे ग्रह पर भी रहते हो यह भी हो सकता है कि जो एलियन है वह हमारे पृथ्वी के किसी ऐसे भाग में रहते हो जिसका हमें अभी तक पता ही नहीं चला हो प्रकृति और ब्रह्मांड में अनेकों रहस्य है.
मनुष्य सिर्फ अपनी कल्पना के पंखों से एलियन परियों, और ना जाने क्या-क्या कहानियां गढतें रहते हैं और उन्हें सच बनाने पर तुले हुए हैं या हो सकता है कि सब सच है इसीलिए कल्पना में हमारे जिंदा है।यह सब बस रहस्य है और रहस्य ही रहेगा।