Kumar Vikrant
Tragedy
आभासी
कल
आज
मित्रता
छल
कपट
प्रवंचना
अंत
न भूत
न भविष्य
सब
अस्पष्ट
धुंधला।
लफ्ज
चयन
रंगशाला
मृगतृष्णा
मुलाकात
शब्द
सौदा
मौसम का मिजाज
तेरी रजा
भाग्य का लाभ भी उन्हीं को मिलेगा जिनका जुगाड़ होगा भाग्य का लाभ भी उन्हीं को मिलेगा जिनका जुगाड़ होगा
यह कविता देश में महिलाओं की स्थिति का वर्णन करती है। यह कविता देश में महिलाओं की स्थिति का वर्णन करती है।
माँ-बाप तो वो सूरज हैं जिसने खुद आग में जलकर, तेरे जीवन के हर अंधकार को धोया है। माँ-बाप तो वो सूरज हैं जिसने खुद आग में जलकर, तेरे जीवन के हर अंधकार को धोया ...
ख़ुशियों का मौसम आया था, न ग़म का कहीं कोई साया था, बंजर हो चुके मेरे जीवन में, कहीं कोई गुलाब खि... ख़ुशियों का मौसम आया था, न ग़म का कहीं कोई साया था, बंजर हो चुके मेरे जीवन में...
आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जो एक बार शुरू हो जाता है थमने का नाम नहीं लेता। आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जो एक बार शुरू हो जाता है थमने का नाम नहीं ...
झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत डाल ली है झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत ...
अब तो लोगो के गंदे गंदे कमेंट सुनने की आदत हो गई है साहब। अब तो लोगो के गंदे गंदे कमेंट सुनने की आदत हो गई है साहब।
भूखे-प्यासे और रोते बिलखते बच्चे, बीमार, तड़पते, मरते, बूढ़े माँ-बाप। भूखे-प्यासे और रोते बिलखते बच्चे, बीमार, तड़पते, मरते, बूढ़े माँ-बाप।
मार गिराई जालिमों ने मैं चंद उम्र की बेटी थी! मार गिराई जालिमों ने मैं चंद उम्र की बेटी थी!
अकाल मृत्यु गुरु 8वे हरिकृष्ण राय पश्चात। अकाल मृत्यु गुरु 8वे हरिकृष्ण राय पश्चात।
दोनों की बेहतर जोड़ी थी और आज दोनों एक साथ इस जहां से अलविदा हो गए! दोनों की बेहतर जोड़ी थी और आज दोनों एक साथ इस जहां से अलविदा हो गए!
चौतरफा हंगामा होने पर भी कुछ न बिगडे़गा हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा । चौतरफा हंगामा होने पर भी कुछ न बिगडे़गा हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान...
प्रिया! मैं हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से जा रहा हूँ और साथ ले जा रहा हूँ। प्रिया! मैं हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से जा रहा हूँ और साथ ले जा रहा हूँ।
आज फिर बड़ी ख़ुशी के साथ गया था इंटरव्यू देने लेकिन आखरी में उसे निराशा ही हाथ लगी आज फिर बड़ी ख़ुशी के साथ गया था इंटरव्यू देने लेकिन आखरी में उसे निराशा ही हाथ लगी
तार्किकता सहिष्णुता नैतिकता जब भी अभाव होता तब बनती "द कश्मीर फाइल्स।" तार्किकता सहिष्णुता नैतिकता जब भी अभाव होता तब बनती "द कश्मीर फाइल्स।"
जाओ जल्दी जाओ और एक नई और बड़ी दियासलाई लेकर आओ। जाओ जल्दी जाओ और एक नई और बड़ी दियासलाई लेकर आओ।
किसी की लाश में भी जान फूँक देने वाली थी मैं, फिर आज ना जाने क्यूँ खुद के बेजान जिस्म से सिहर सी ग... किसी की लाश में भी जान फूँक देने वाली थी मैं, फिर आज ना जाने क्यूँ खुद के बेजा...
आंखे खुल गई मेरी जब उन्होंने हँसते हुए कहा कि " कौन कहता है आजाद नहीं हुए हम " आंखे खुल गई मेरी जब उन्होंने हँसते हुए कहा कि " कौन कहता है आजाद नहीं हुए हम "
इसे दर्द की तलब लगी थी सो मैं ले आया हूँ इस दिल को, मेरे एक बीते हुए शहर में जहाँ इसने टूटना सीखा... इसे दर्द की तलब लगी थी सो मैं ले आया हूँ इस दिल को, मेरे एक बीते हुए शहर में ...
मेरी हथेली से भी छोटे, उसके हाथ और उंगलियाँ थी, नाज़ुक सी वो बच्ची, मेरे इस आँगन की जान थी, मेरी हथेली से भी छोटे, उसके हाथ और उंगलियाँ थी, नाज़ुक सी वो बच्ची, मेरे इस आँगन...