आज का नेता
आज का नेता
नेता वही होता
जो वोट तो ले लेता
बदले में भाषण ही देता
लच्छेदार भाषणों में
बड़े प्यार से मर्यादा तार तार कर देता
और बदले में ढेरों तालियाँ बटोर लेता
वातानुकूलित कमरे में सोता
पर जनता के सामने
चौबीस घंटे काम कर रहा होता
नियमों की दुहाई देता
और सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाता
वही तो है असली नेता
जो मौके बेमौके घड़ियाली आँसू बहा लेता
उसे देखकर अभिनय सम्राट भी चैन की साँस लेता
अच्छा है ये नेता ही बना है
अभिनेता बनता तो मैं कहाँ ठौर लेता।