अनुमान
अनुमान
यह चुनाव का बिगुल बजा, कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
किसका पलड़ा कितना भारी, अनुमान लगाना मुश्किल है।
अपनी डफ़ली पीट रहे सब , गली - गली चौराहों पर ।
ऊँट किधर किस करवट बैठे ,पहचान भी पाना मुश्किल है।।
यह चुनाव का बिगुल बजा, कुछ भी कह पाना मुश्किल है।
किसका पलड़ा कितना भारी, अनुमान लगाना मुश्किल है।
अपनी डफ़ली पीट रहे सब , गली - गली चौराहों पर ।
ऊँट किधर किस करवट बैठे ,पहचान भी पाना मुश्किल है।।