प्रार्थना
प्रार्थना
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हे ! प्रभु दो विद्या का दान,
जग का करें हम कल्याण।
मात-पिता की करें सेवा,
गुरुजनों का करें सम्मान।।
डटें रहें निज कर्तव्य पथ पर,
अडिग रहें अपने लक्ष्य पर।
भूलें न कभी आत्मसम्मान,
हे! प्रभु दो विद्या का दान।।
ज्ञानी बनें, परोपकारी बनें,
परमार्थ हित में सब तजें।
बढ़ाएँ अपने देश का मान,
हे! प्रभु दो विद्या का दान।।
करें समर्पित जीवन सारा,
फैलाएँ ज्ञान का उजियारा।
अब कर दो हमारा उद्धार,
हे ! प्रभु दो विद्या का दान।।