छोटा/बड़ा
छोटा/बड़ा
गोलू हाथी अपनी धुन में चला जा रहा था, तभी उसे कुछ खाने की चीज़ दिखाई दी तेज़ क़दमों से वो उस ओर बढ़ा वाह! केले पड़े थे, बस वो टूट पड़ा और जल्दी से आगे बढ़ा, पर ये क्या सूंड पर कुछ खुजली सी महसूस हुई देखा तो नन्ही चींटी बैठी थी उसने पूछा क्यों मेरी सूंड़ पर बैठी हो, चींटी बोली मुझे नदी के पार पहुंचा दो। हाथी बोला कि, "अगर न पहुंचाऊं तो"
चींटी ने कहा कि किसी को छोटा या कमजोर मत समझो कभी भी कोई किसी के काम आ सकता है। हाथी को तुरंत याद आया कि कैसे एक उसकी मां गौरी को चींटियों ने शेर से बचाया था सब चींटियां शेर को काटने लगीं जिससे शेर परेशान होकर इधर-उधर दौड़ने लगा और उसकी मां हथिनी गौरा को बचाने का मौका मिल गया। बस गोलू हाथी झटपट मान गया और चींटी को नदी पार पहुंचा दिया।