सच्ची दिवाली
सच्ची दिवाली
भगवान श्री राम ने सोचा क्यों न इस बार धरती भेष बदलकर चला जाए और देखा जाए कि धरती पर दीपावली की क्या तैयारियां चल रही हैं ।बस खामोशी से वो चश्मा पहन कर चल पड़े। ये क्या चारों ओर प्रदूषण, धुआं देखकर वो बड़े दुःखी हुए। इतने सुंदर त्योहार को लोगों ने क्या बना दिया। चारों ओर ज़हरीला धुंआ।
वो निराश होकर वापस चलने की तैयारी करने लगे तभी उन्हें एक बच्चा दिखाई दिया जो पौधे लेकर जा रहा था वो उसके पीछे-पीछे चल पड़े।वो एक बागीचे में पहुंचा और पौधे लगाने लगा गुलाब के फूल खिले हुए थे । उन्होंने उससे पूछा कि वो क्यों पौधे लगा रहा है, जबकि बाकी बच्चे तो पटाखे जलाने में व्यस्त हैं। उसने उत्तर दिया कि मैं पौधे लगाकर धरती मां को सुरक्षित रखना चाहता हूं।
श्री राम उसके उत्तर से बड़े प्रसन्न हुए और उसे आशीर्वाद दे कर वहां से चले गये। वो बालक जब घर पहुंचा तो उसका घर मोमबत्तियों की पंक्ति से जगमगा रहा था। खुशी की चमक उसके चेहरे पर फैल गयी।