नज़रिया
नज़रिया
भगवद्गीता जोर स्वयं श्रीकृष्ण के वचनों का संग्रह है।भगवान ने जो शब्द कहे हों वो तो अपने आप में ही अनमोल हैं।यह महज़ एक ग्रंथ नहीं है बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता ज्ञान है,जो हर रोज जीवन में अपनाते हुए जीना चाहिए।
गीता ज्ञान इतना गहन है कि एक बार में पढकर समझ ही नहीं आ सकता। हर बार पढ़ने पर हम कुछ नया ही सीखते हैं। इस पुस्तक ने मुझे जीवन को समझने में काफी मदद मिली है।मां, पिता के जाने के बाद कितनी निराशा से जीवन भर गया था,तब ज्ञान से मुझे सबंल मिला।
आज भी मुश्किल समय में भगवद्गीता ही सही राह दिखाती है।कर्म करते रहो बिना फल की चिंता किए हुए कितना गूढ़ ज्ञान है कर्म करो लेकिन निर्लिप्त भाव रखते हुए,बिना अपेक्षा रखते हुए, क्योंकि अपेक्षा रखने से ही बड़ी निराशा ही मिली थी, अतः अब ज्ञान होने से उस दुख से तो स्वयं को बचा ही लिया जो अकारण अपेक्षा अपूर्ण होने पर होता था। हर दिन कम से कुछ श्लोक तो पढने ही चाहिए, खुद में ही परिवर्तन दिखाई देगा और जीवन के प्रति नजरिया भी बदल जाएगा।