तुमको बुला रहा संसार
तुमको बुला रहा संसार
आचार्य महर्षि दयानंद जी, लो फिर से अवतार...! स्वामी...!2!
तुमको बुला रहा संसार...!२!
दीन-हीन सब बन्धु जनों का, कर दो आ उद्धार...! स्वामी...!2!
तुमको बुला रहा संसार...!२!
जैसे पहले आकर तुमने वैदिक धर्म चलाया है...!
आर्य समाज का दुनिया भर में आ परचम लहराया है...!
सत्य अहिंसा धर्म ज्ञान की मन में ज्योति जलाई है...!
प्रेम समर्पण दया व करुणा, हम सब पर बरसाई है....!
अच्छे-अच्छे कर्म करे सब, सिखला दो सत्कार...! स्वामी...!2!
तुमको बुला रहा संसार...!२!
अमर अजन्मा निराकार प्रभु यज्ञ रूप बतलाये...!
वेदों का दे ज्ञान सभी को, मंत्रोच्चार कराये.…!
खंडन कर मूर्तिपूजा का,यज्ञ हवन करवाये...!
अच्छाई और सच्चाई का, सब को ताज पहनाये...!
रूढ़िवादिता को दफनाकर किया बड़ा उपकार...!स्वामी...!2!
तुमको बुला रहा संसार...!२!