Poonam Atrey

Children Stories Tragedy

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Poonam Atrey

Children Stories Tragedy

भूख

भूख

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छोटू द्युत गति से घर की ओर दौड़ा जा रहा था हाथों में एक डबलरोटी का पैकेट लिए ,उसके पीछे लोगो का एक झुंड पूरी गति से चिल्लाता हुआ दौड़ रहा था पकड़ो ,पकड़ो ,चोर चोर ।

तभी वह एक गली में घुसा और गायब हो गया ,लोगो की भीड़ अश्लील गालियाँ देते हुए वापस लौट गई ।छोटू ने राहत की साँस ली ।और घर की राह पकड़ी ।अब उसने डबलरोटी के पैकेट को और कसकर पकड़ लिया ।तेज दौड़ने की वजह से उसकी साँस बहुत तेज चल रही थी ।भूख के मारे अंतड़िया भी कुलमुलाने लगी थी ।मगर उसके हाथों की पकड़ पैकेट पर ढीली नही पड़ी ।और न ही उसे खाने के लिए वह रुका ,जाने कौन सी चिंता उसके नन्हे मस्तिष्क में उथल पुथल मचा रही थी घर के नाम पर बांस और खपरैल से बनी चार ×चार की एक छोटी सी खोली थी जिसमे वह अपने बूढ़े दादा ( जो कि बिस्तर पर लगभग अर्धमृत हालत में थे या यूं कहें भूख से लड़ने में ख़ुद को अक्षम पा रहे थे । आते ही वह दादा को वो डबलरोटी अपने हाथों से खिलाने लगा ।वह वृद्ध शरीर हड्डियों का ढांचा मात्र प्रतीत हो रहा था ।फ़िर भी वह धीरे धीरे उन सूखी डबलरोटी को चबाने का प्रयास करने लगे ।छोटू के चेहरे पर एक असीम तृप्ति का भाव था ।स्वयं भूखा होने पर भी वह डबलरोटी को देखकर ललचाया नही ।शायद उसे लगा था कि उससे ज्यादा वृद्ध दादा को उस डबलरोटी की जरूरत है तभी तो वह लाला के यहाँ से डबलरोटी चुरा कर भागा था ।10 वर्ष का छोटा बच्चा होने के कारण कोई उसे काम देने के लिए तैयार नही था ।तो उसके पास यही विकल्प बचा था ।स्वयं भी उसने पिछले तीन दिनों से कुछ नही खाया था ।

दादा को डबलरोटी खिला कर वह जैसे ही खड़ा हुआ तेज चक्कर के कारण उसका सर पास पड़े एक लकड़ी के स्टूल से टकराया और उसकी भूख हमेशा के लिए शांत हो गई ,एक बार फ़िर मौत भूख पर भारी पड़ी थी ।

कुछ ही देर बाद नगरपालिका वाले आये और एक साथ दो जनाजे उठे इंसानियत और भूख के ।।

    


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