Dinesh Dubey

Comedy Drama

4  

Dinesh Dubey

Comedy Drama

बीवी वो बीवी 19

बीवी वो बीवी 19

5 mins
341


अध्याय 19


जगत कुमार और बाकी लोग भी सोसाइटी में खड़े होकर मनोज का इंतजार कर रहे थे।

उसी समय मंजुला की गाड़ी में मनोज आता है उसके साथ दीनानाथ भी उतरते हैं,पीछे की गाड़ी में मान्यता आती है ।

उनको देख कई औरते उतर आती हैं, और कुछ आदमी भी आते हैं ।

एक आदमी कहता है, " यार इन लोगों की वजह से अब अपनी औरते भी गुर्राने लगी हैं, ।

दूसरा कहता है, " मैंने तो इसलिए अपनी वाइफ को नीचे ही नहीं आने दिया।

तभी मान्यता मनोज से कहती है, " तुम क्या चाहते हो मैं तुमसे माफी मांगू?

मनोज कहता है, " मैं कुछ नहीं चाहता हूं, बस ऐसा लगता है की आत्महत्या कर लूं।

मान्यता चीखती हुई कहती है, " नहीं नहीं, मेरे एक छोटी सी भूल की इतनी बड़ी सजा मत देना, तुम आत्महत्या कर लोगे तो मेरा क्या होगा, मैं सबके सामने तुमसे माफी मांगती हूं !!

मान्यता सबके सामने माफी मांगते हुए कहती है, "अब चाहो तो मुझे सबके सामने मार लो पर दुबारा आत्महत्या करने की बात मत करना ।

मंजुला और बाकी लोग के साथ मनोज भी उसकी इस हरकत से हैरान रह जाते है ।

पर मान्यता ये ड्रामा कर अपनी पोजीशन अच्छी कर लेती है।

वह मन ही मन कहती है, " चल तूने आत्महत्या की बात कर मुझे सबके सामने अच्छा बनने का मौका दे दिया ।

वैसे उसके इस हरकत से उसकी सहेलियां भी अचंभित रह जाती हैं।

मान्यता सभी को नमस्ते कर मनोज को लेकर अपने फ्लैट की ओर जाती है ।

दीनानाथ कहते हैं, "इसके तेवर मुझे अच्छे नहीं लग रहे हैं।

जगत कुमार कहते हैं, " अब जो भी होगा फिलहाल जेल जाने से बच गया।

राजकिशोर और सोहन लाल वहीं खड़े थे।

राजकिशोर कहते हैं, "राधे राधे अरे धन्यवाद तो कहना चाहिए था मनोज को, हमने कितना मेहनत किया था उसके लिए।

सोहन कहता है, " क्या मेहनत किया भाई, एक बार हॉस्पिटल जाकर समझाया भर है हमने।

राजकिशोर उसे देख कहते हैं, " राधे राधे तुम जिंदगी भर ऐसे ही रहने वाले हो।

नीरज अपने घर में ही बैठा था आज वह घर से ही काम कर रहा था। उसी समय उसका फोन बजता है तो वह देखता है उसने वाइफ के लिए हंटर लिख रखा था, वह घबराकर फोन उठाता है तो उसकी वाइफ नेहा कहती है, " नीरज डार्लिंग, क्या हो गया नाराज हो क्या पिछले एक वीक से तुमने फोन भी नहीं किया मुझे बहुत टेंशन हो रही थी, सब ठीक तो हैं ना ।

नीरज कहता है, " डार्लिंग आई एम फाईन,सब ठीक है, तुम अपने हिसाब से फुल टाइम लो । सब काम निपटा कर आओ।

वह कहती है " नहीं डार्लिंग, तुम्हारा फोन नहीं आया तो मुझे लगा कि तुम किसी प्रोब्लम में हो तो मैं आ रही हूं अभी एयरपोर्ट पर हूं, तुम हमे लेने एयरपोर्ट आ जाओगे, ?

नीरज कहता है, " इतनी जल्दी क्यों आ रही हो फिर कहोगी की काम पूरा नहीं हुआ थोड़ा रह गया।

नेहा कहती है, "हमारे लिए कुछ खाना बना लेना या फिर दो बजे मंगवा लेना और हां तीन लोगो के लिए मंगवाना मेरी मौसी भी आ रही है, पहली बार मुंबई आ रही हैं, तो कुछ दिन रह कर जाएंगी ।

नीरज कहता है, " और भी लोगों को ले आना था, इतना बड़ा घर है खाली खाली लगता है ।

नेहा कहती है "अरे मैंने तो कहा भी पर मौसा जी को दिन के बाद छुट्टी मिलेंगी तो वो और मानसी साथ आएंगे।

नीरज सर पकड़ कर बैठ जाता है, बीस दिन की फुरसत मिली यह सोचकर वह मस्त बिंदास बैठा था पर नेहा का फोन आते ही सारा टेंशन फिर से खड़ा हो जाता है ।

नीरज अपने सारे काम छोड़ कर घर ठीक करने लगता है, नहीं तो उसकी सास तो आते ही मुंह बनाने लगेगी की ये यहां पर पड़ा है, दूसरा इधर पड़ा है,पूरे घर में रायता फैला रखा है । साफ सफाई तो जैसे इस लड़के को आता ही नहीं पता नहीं कब सुधरेगा ।

पूरे दिन उसको इसी बात को लेकर सुनाती रहेगी।

वह घर का सारा सामान ठीक करता है, आज उसने अपने कुछ फ्रेंड्स को पार्टी के लिए घर पर ही बुलाया था और फ्रिज में बीयर की बोतलें भर रखी थी, उसके लिए अपने एक फ्रेंड को फोन कर उसे जल्दी से बुलाकर बीयर ले जाने के लिए कहता है,

ये सब करते करते उसे दो बज गए थे, उसे यह भी ध्यान नहीं रहा की उसे लेने भी जाना था । 

दो बजे नेहा का फोन आ जाता है, वह पूछती है, " हम अभी लैंड कर गए हैं, तुम कहां हो, ?

नीरज हड़बड़ा कर कहता है, " अरे ऑफिस में कुछ क्लाइंट आ गए थे, अभी अभी गए हैं, तुम वहां से कैब करके आ जाओ मैं घर पहुंचता हूं और खाने का ऑर्डर दे देता हूं।

नेहा भड़क उठती है, "तुम्हारे पास हमारे लिए कभी टाईम रहता ही नहीं है । रखो फोन, खाना मंगाना है तो मंगाओ नहीं तो वह भी हम ऑर्डर कर लेंगे ।

नीरज कहता है, " यार मैंने ऑर्डर कर दिया है, और अभी घर ही पहुंच रहा हूं ।


नेहा गुस्से में फोन कट करती है ।

नीरज ने खाने का ऑर्डर दे ही दिया था, और साथ ही फालूदे का ऑर्डर दे दिया था फालूदा उसकी सास को बहुत पसंद था, फालूदा देख उनका गुस्सा शांत रहता था, वह एक बार सब चेक कर लेता है की कहीं कोई ऐसा समान तो नहीं छूट गया जो वह नेहा के सामने नहीं लाता था।

उसके न रहने पर तो वह बिंदास था और अपनी मर्जी का खाना पीना चल रहा था।

खाना आ गया था वह खाना लेकर, तुरंत ही कपड़े पहन लेता है ताकि लगे की ऑफिस से आया है ।

उसी समय डोर बेल बजती हैं,भनभनाती हुई नेहा अंदर आती है, वह गुस्से में नीरज को देख कहती है, "तुम हर समय मेरी नाक कटवाते रहते हो, आज मौसी को भी बोलने का मौका मिल गया, का रहीं थी उनका दामाद तो एक घंटे पहले से ही आकर खड़ा हो जाता हैं, और तुम्हारा तो आया ही नहीं, कैसा लड़का है ।

उसी समय मौसी और उसकी सास भी अंदर आती हैं, नीरज दोनो के पैर छूता है, उसकी मौसी सास उसे देख कहती है, " क्या बात है दामाद जी लगता है हमारा आना पसंद नहीं आया ?


क्रमशः



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