नोंकझोंक....।
नोंकझोंक....।
"मां कुछ खाने को बनाया है। बहुत भूख लगी है और पेट में भी दर्द हो रहा है।"
" हां बेटा आजा पालक की दाल और रोटी बनाई है। क्या पालक की दाल। नहीं मॉम यह भी कोई खाने की चीज है।"
"बेटा फिर रोज रोज तो बर्गर पिज्जा नहीं खा सकती न तुम। इसमें पता नहीं कैसी क्रीम मसाले डालते हैं वो लोग।"
" अरे मां तुम तो हर चीज में कानून बाजी लगाती हो ।कभी तो बस किया करो। अच्छा मां मुझे नाश्ते में दूध ब्रैंड देना बस।"
" ओ हो बेटा तुम रोज रोज यही खाकर जाती हो पेट में दर्द नहीं होगा तो क्या होगा।"
" अरे मां फिर तुम कुछ अच्छा सा खाना बनाया करो रोज रोज दाल कौन खाता है।"
" बेटा तो रोज रोज बर्गर पिज्जा चाउमिन खाने से कौनसा तुम्हें आयरन कैल्शियम मिलता है।"
" मां सुबह सुबह से झगड़ा मत करो। मुझे जाना है अब दूध ब्रैड दे दो जल्दी से।"
" हां ले खा इसे। तुम आजकल के बच्चे भी न। "
रिया घर से निकलती हुई शाम को कुछ अच्छा सा खाना बनाना जब ही खाऊंगी।मां सोचती हुई आजकल के बच्चे पोषण युक्त खाना खाते नहीं बस ऊटपटांग चीज के शौकीन हैं।ऐसे में इनके स्वास्थ्य का क्या होगा मुझे तो यही टेंशन खाएं जा रही है।
मुझे ही कुछ करना होगा वो अपने फैमिली डॉक्टर को फोन लगा सब बात बताती है। और डाक्टर द्वारा बताए उपायों को करना शुरू करती है और जगह जगह पोस्टर लगाती है कहीं कैंसर की बीमारी तो कहीं पेट दर्द की बीमारी के कारणों की लिस्ट लगाती है। और शाम को जब बेटी घर आती है तो यह सब देखकर
"मां ये कोई हॉस्पिटल नहीं है। हटाओ मां इसे ।"
"मां देख बेटा पिज्जा और बर्गर कैसे बनाया जाता है देख ये वीडियो।"
" ओ हो मां तुम तो उसके पीछे पड़ गयी।"
"अरे बेटा एक बार देख तो।" जब रिया देखती है तो सोचने लगती है कि हम क्या खाते हैं जहर।
" मां तुम सही कहती थी ये खाना नहीं खाना चाहिए हमें। पर मां आजकल कुछ शुद्ध नहीं है पहले पापा बताते थे पानी में भी शक्ति होती थी।"
" अब तो बस नाम है और क्वालिटी कुछ भी नहीं। बेटा पर सब्जी दाल फल हमारे शरीर को नुकसान तो नहीं पहुंचाते न। हां मां तुम सही कहती हो आज से मैं भी खाया करूंगी दाल सब्जी और पौष्टिक आहार युक्त भोजन।"
मां की आंखों में आसूं थे पर खुशी के...
" ओ हो मां ये आंसू क्यों आप तो गुस्सा होती हो तब तो जमुना गंगा बहाती ही हो अब खुशी में भी बहाना चालू कर दिया।" और दोनों हंस जाती है और मां सोचती है कभी कभी जो बात बच्चों को कठोर बनके या गुस्से से नहीं समझायी नहीं जा सकती वहीं बात अगर उन्हें प्यार से समझायी जाए तो वो जल्दी समझ जाते हैं।