हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
कैसी अजीब विडम्बना है देखो, जब बच्चा पहला शब्द बोलता है मां, तो चेहरे पर मुस्कराहट होती है और वही बच्चे को यही शब्द बचकाना लगता है क्योंकि पढ़ा लिखा वो अंग्रेजी मीडियम में उसको तो मॉम कहना भाता है।
माना सब भाषाओं में अपनी अलग मिठास है पर क्यों कहते हैं जैसा देश वैसा भेष इसके पीछे भी तो कोई कहानी होगी, माना जमाना आधुनिक हुआ और बदलाव सृष्टि का नियम है पर अपनी संस्कृति से बिखराव कहां का न्याय है अपनी हिंदी से अलगाव कहां की नीति है।
सब भाषाओं का अपना महत्व है क्योंकि सब अपने देशों की शान होती तभी तो हिंदुस्तान कहलाता विविधताओं से भरा हुआ देश क्योंकि यहां सभी भाषाओं बोलियों संस्कृतियों का सम्मान है।
या यूं कहे यह ऐसा हिंदुस्तान है,
जहां इन्द्रधनुष के सात रंगों सा
सबकी अपनी अनूठी छाप है।