मां के साथ प्यार भरी नोंकझोंक...।
मां के साथ प्यार भरी नोंकझोंक...।
मां के साथ बिताए हर पल मेरे लिए बहुत खास है वो मां को तैयार करना और मां का मुझे तैयार करना। बालों को संवारना और मां से बालों में हाथ लगाने को मना करना कि हेयर स्टाइल खराब हो जाएगी मां। और मां का कान पकड़कर कहना अच्छा लाडो पहले छोटी थी तब मैं ही बालों को बनाती थी तेरे। तब तो नहीं कहा बालों को हाथ मत लगाना और अब देखो तो और फिर मां का मुझे गले लगा लेना आज भी मुझे याद है।
वो मेरा छोटी छोटी बातों पर मचल जाना। मां के हाथ के खाने के अलावा मुझे कुछ और भी पसंद नहीं आता यह कहकर बाहर पिज्जा खा आना। और मां का फिर मुझ पर गुस्सा करना मना किया था न बाहर का खाना मत खाना पर सुनती नहीं है मेरी तू। बड़ी जो हो गई है। ओ हो मां आपके हाथ के खाने से ज्यादा अच्छा नहीं था बस वो दोस्तों ने जिद्द की ऐसा कह मां को पटाना आज भी मुझे याद है।
वो मां की साड़ी को पहनकर मां की नकल करना और मां का मुझमें अपनी परछाई देख आंसू बहाना आज भी याद है।
बेशक मां के साथ कितनी भी नोंकझोंक हो। पर मां तो मां होती है माना हमें लेकर थोड़ी कठोर हो जाती है पर वो मां हैं। जो बच्चों का अच्छा भला सब जानती है हां कभी कभी ज्यादा डांट लगाती है और हमें गुस्सा भी आता है पर फिर जल्दी से मां के पास जाकर उन्हें मना लेते हैं क्योंकि मां से दूर भला कहां रहा जाता है।
मां के साथ बिताए हर पलों में सबसे खास पल वो दिन होता है जब मां के लिए हम कुछ करते हैं।
मां हमेशा से हमें कामयाब होते देखना चाहती है पर मैं मां को कामयाब बनते देखना चाहती हूं हर कोई मुझे मेरी मां की पहचान से जाने यह चाहती हूं।
मां के साथ बिताए हर पलों को दिल में कैद कर बेटी जब ससुराल जाती है और अपने बच्चों को जब वो उनके और मां की खट्टी मीठी नोंकझोंक सुनाती है तब उसकी आंखों में जो चमक जो खुशी होती है वो कुछ शब्दों में बता पाना संभव नहीं है।
मां बेशक थोड़ी कड़वी बोली बोलती है,
पर उसमें हमारी भलाई छिपी होती है,
जिसका एहसास हमें मां बनने के बाद होता है,
इसलिए मां की बातों को समझने का प्रयास करना,
जो गलती हमने दोहराई है वो तुम कभी मत दोहराना।