RAJESH KUMAR

Inspirational

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RAJESH KUMAR

Inspirational

मानसिकता बदलने का समय

मानसिकता बदलने का समय

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विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद् दार्शनिक, लेखक ,पत्रकार, समाजशास्त्री , मानवविज्ञानी, शिक्षाविद्, धर्मशास्त्री, इतिहासविद् प्रोफेसर, सम्पादक ,ऐसे थे हम सब के भीमराव रामजी आम्बेडकर जी। 

उनके जन्म दिवस 14 अप्रैल को हम, हर वर्ष ज्ञान दिवस, समता दिवस के रूप में भी मनाते हैं।

इस समय यदि बाबा साहेब हमारे बीच होते ,वे दलित मंत्रियों, सांसदों, आईएएस ,आईपीएस, आईएफएस अफसरों, बैंकों, रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत बाकी सरकारी विभागों में नियुक्त उच्च पदों पर बैठे कर्मचारियों से पूछते कि उन्होंने पूरे कार्यकाल में कितने दलित बच्चों का स्तर ऊंचा उठाया ,या क्या प्रयास किये?

बाबा साहेब जरूर पूछते, क्यों अब तक दलित उद्यमी रोजगार देने की हालत में क्यों नहीं आ पाये? सरकारों द्वारा व दलितों द्वारा कितने प्रयास किया गए। वे नेताओं पर नजर रखते कि कोई आरक्षण को मोहरा न बनाने पाए।  आरक्षण किसी भी जाति के वोट पाने के लिए महज कोई खैरात ना बन जाय।

बाबा साहब जरूर पूछते, हिन्दू कोड बिल (आर्थिक, धार्मिक, लैंगिक समानता) के प्रावधानों का परिणाम क्या रहा?  जिसके लिये बहुत परिश्रम किया, मेहनत व सँघर्ष किया। महिलाओं के सशक्तिकरण की बातें की जा रही है,जबकि ये हो जाना चाहिए था। गाँव कस्बों की महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्पत्ति व सुरक्षा अभी भी दूर की कौड़ी है। बाबा साहेब जरूर सम्पन्न व सुशिक्षित महिलाओं से भी ,जरूरतमंद महिलाओं के लिए हर प्रकार से सहयोग के लिये प्ररित करते।

बाबा साहब की उंगली का इशारा हम समझ ही नहीं पाए। हमें अपने विकास के बाद (विशेषकर दलितों को) उन सब वंचित लोगों का ,जो किसी भी धर्म/जाति के हों, उनको आगे बढ़ने में सहयोग, अपनी क्षमतानुसार जरूर करना चाहिए। क्योंकि पूर्व में सक्षम दलित, उन परिस्थितियों से गुजरे हैं, उनसे यह उम्मीद जरूर करते। यही अम्बेडकरवादी सोच है, जो हमारे ऊपर गुजरी है, दूसरे के साथ ऐसा  भेदभाव ना हो पाए।

एक शिक्षक होने के नाते जितना मैंने बाबा साहब को पढ़ा, और जानने की, पढ़ने की इच्छा होती रही। कुछ भाइयों ने सिर्फ आरक्षण तक देखने की मानसिकता बना लिया है, जो उस महान शख्सियत के साथ इंसाफ नहीं है। 

पूरी जिंदगी पढ़ने, लिखने और देश ,संविधान को गढ़ने में लगा दी। ओर ऐसा महान काम दलितों, शोषितों ,महिलाओं के लिये कर गए की  उनकी सार्थकता युगों युगों तक बनी रहेगी।

आप सब को 130वीं आम्बेडकर जयंती की शुभकामनाएं।



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