कुछ बाक़ी हैं
कुछ बाक़ी हैं
खुशियां ही खुशियां होती थी इन बहारों में,
सिमट गया सब, केवल एहसास ही कुछ बाक़ी हैं।
तुझें भुलने की कोशिश हर बार की हैं मैंने,
कभी हो जाऊँगी कामयाब ये आस कुछ बाक़ी हैं।
बड़े अरमान से इस दिल में रहा करते थे,
निशां तो जा चुका लेकिन ये यादें कुछ बाक़ी हैं।
अभी मेरे दिल पर घाव के दर्द बाक़ी हैं,
यादों का कारवां ज़िन्दा हैं आसूं बहना कुछ बाक़ी हैं।
तेरे बिना हम तो सिर्फ सांसे ही लेते हैं,
इस शरीर में तेरे बिना जान अभी कुछ बाक़ी हैं।
जो रखा था संभाल तबाह कर दिया तूने,
मकान उजड़ गया, राख अभी कुछ बाक़ी हैं।